इंटरनेशनल मॉनिटरिंग स्टेशन (IMS) दिवस 2023
इंटरनेशनल मॉनिटरिंग स्टेशन (IMS) दिवस 2023 का उत्सव भारत में सार्वजनिक स्तर की दूरसंचार सेवाओं और वायरलेस यूजर्स के लिए बाधा रहित स्पेक्ट्रम सुनिश्चित करने में शामिल रहे सभी कर्मियों के अथक प्रयासों एवं अटूट समर्पण को उजागर करता है।
वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन विंग (WPC) और वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) 19 दिसंबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मॉनिटरिंग स्टेशन (आईएमएस) दिवस मनाते हैं।
यह अवसर भारत में वायरलेस मॉनिटरिंग तथा स्पेक्ट्रम प्रबंधन के इतिहास में एक मील के पत्थर की तरह है, जो पूरे देश में सार्वजनिक स्तर की दूरसंचार सेवाओं और वायरलेस उपयोगकर्ताओं के लिए हस्तक्षेप मुक्त स्पेक्ट्रम सुनिश्चित करने में शामिल रहे सभी कर्मियों के अथक प्रयासों एवं अटूट समर्पण को उजागर करता है।
वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO)
वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) की स्थापना 1952 में हुई थी, जो वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन विंग की सतर्क आंख व कान के रूप में कार्य करता है।
यह पूरे भारत में रणनीतिक रूप से स्थित निगरानी स्टेशनों के एक नेटवर्क का प्रतिनिधित्व करता है। वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन एक अंतर्राष्ट्रीय सैटेलाइट मॉनिटरिंग अर्थ स्टेशन (ISMES), पांच अंतर्राष्ट्रीय मॉनिटरिंग स्टेशन (IMS) और 22 वायरलेस मॉनिटरिंग स्टेशन (WMS) के साथ कुशल रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम प्रबंधन तथा भू-स्थिर कक्षा के लिए महत्वपूर्ण स्पेक्ट्रम निगरानी, माप एवं निरीक्षण गतिविधियों का संचालन करता है।
वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन विंग की एक क्षेत्रीय इकाई है। इसको वायरलेस ट्रांसमिशन की निगरानी करने, हस्तक्षेप मुक्त रेडियो-संचार सेवाएं प्रदान करने और पूरे भारत में रणनीतिक रूप से स्थित निगरानी स्टेशनों के माध्यम से स्पेक्ट्रम निगरानी, प्रवर्तन तथा प्रबंधन गतिविधियों में सहायता करने का काम सौंपा गया है।
वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन विंग (WPC)
भारत सरकार के संचार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन विंग ((WPC) स्पेक्ट्रम इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी को संभालती है।
इसके द्वारा लाइसेंस जारी किये जाते हैं। यह विंग राष्ट्रीय फ्रीक्वेंसीआवंटन योजनाएं तैयार करती है, स्पेक्ट्रम नीतियों को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करती है और यह देश भर में रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के प्रभावी उपयोग की निगरानी करती है।