प्रधानमंत्री ने काशी तमिल संगमम 2023 में ट्रांसलेशन टूल ‘भाषिणी’ का उपयोग किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर, 2023 को वाराणसी में काशी तमिल संगमम 2023 में अपने संबोधन के दौरान एक रियल टाइम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल ‘भाषिणी’ (Bhashini) का उपयोग किया।
भाषिणी के बारे में
प्रधान मंत्री ने इसे जनता के साथ अपने संचार को सरल बनाने की दिशा में एक “नई शुरुआत” बताया। ‘भाषिनी’ को विशेष रूप से वाराणसी में कार्यक्रम के दौरान तमिल भाषी दर्शकों की मदद के लिए तैयार किया गया था।
भाषिनी का लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य नई प्रौद्योगिकियों की शक्ति का लाभ उठाकर नागरिकों के लिए सेवाओं और उत्पादों को विकसित करने के लिए भाषाओं के लिए एक नेशनल पब्लिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाना है।
यह AI-संचालित भाषा अनुवाद प्रणाली के रूप में काम करता है जो विभिन्न भारतीय भाषाएं बोलने वाले व्यक्तियों के बीच संवाद या ट्रांसलेशन की सुविधा प्रदान करता है।
यह व्यक्तियों को भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करते हुए अपनी मूल भाषा में संवाद करने की अनुमति देता है।
भाषिनी राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का एक डिजिटल प्रोडक्ट है।
ऐप में एक अलग भाषा दान सेगमेंट है जिसके साथ भाषिणी प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग भाषाओं से जुड़े इनपुट इकट्ठे किये जाते हैं। इस इनपुट के साथ एक बड़ा डेटाबेस तैयार होता है।