Bangga: याक को पालतू बनाए जाने के प्राचीन साक्ष्य

हाल की एक स्टडी के मुताबिक इंसानों द्वारा याक (yak) को पालतू बनाए जाने का अब तक का सबसे पुराना रिकॉर्ड बंग्गा (Bangga) में पाया गया है। यह चीन में तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (TAR) के शैनान प्रान्त में एक बस्ती है।

शैनान की सीमा भूटान और अरुणाचल प्रदेश से लगती है और ब्रह्मपुत्र नदी इससे होकर गुजरती है। बंग्गा को पशु जीवाश्मों से समृद्ध माना जाता है। यारलुंग-त्सांगपो (जो तिब्बत में ब्रह्मपुत्र का नाम है) पर स्थित बंग्गा में मनुष्यों ने लगभग 2,500 साल पहले याक के साथ-साथ टॉरिन नस्ल (taurine variety) के मवेशियों (गायों) को भी पालतू बनाया था।

यूरोप के साथ-साथ एशिया के टेम्पेरेट रीजन की अधिकांश आधुनिक मवेशी नस्लें टॉरिन हैं। वे भारतीय उपमहाद्वीप और उष्णकटिबंधीय एशिया की मूल नस्ल ज़ेबू या कूबड़ वाली नस्लों (Zebu or humped breeds) से अलग हैं।

बंग्गा के निवासियों ने याक और मवेशियों को क्रॉस करके संकर नस्ल भी पैदा की।

याक, घरेलू मवेशी और ऑरोच (मवेशियों के प्राचीन पूर्वज) को टैक्सोनोमिस्ट्स द्वारा बोस जीनस (genus Bos) के तहत समूहीकृत किया गया है।

शोधकर्ताओं ने बंग्गा में एकत्र किए गए स्तनपायी हड्डियों के 10,000 से अधिक अवशेषों की जांच की। उन्होंने बोस प्रजाति से संबंधित 193 नमूनों की पहचान की और उनका वर्गीकरण किया।

आज, अकेले एशिया के ऊंचे इलाकों में अनुमानित 14 मिलियन से 15 मिलियन घरेलू याक हैं। वे भारतीय हिमालयी सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे कि लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी पाए जाते हैं।

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