संयुक्त राष्ट्र महासभा संकल्प 377A (V)
गाजा में तत्काल युद्धविराम के लिए प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के संकल्प के खिलाफ 8 दिसंबर को अमेरिका के वीटो ने कुछ देशों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया है।
गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध को रोकने के प्रयासों में एक संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक दुर्लभ प्रावधान का उपयोग करने के लिए कार्रवाई की अपील की गयी है।
मिस्र और मॉरिटानिया ने 11 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की आपातकालीन बैठक बुलाने के लिए संकल्प 377A (V) का सहारा लिया। संकल्प में कहा गया है कि यदि सर्वसम्मति की कमी के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद वैश्विक शांति स्थापना की अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने में सक्षम नहीं है, तो UNGA संकल्प 377A (V) के तहत कदम उठा सकता है।
वैसे UNGA द्वारा अपनाये जाने वाले संकल्प सिफारिशी प्रकृति के होते हैं और कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होते हैं। इसका मतलब है कि इसके संकल्पों को बिना किसी कार्रवाई के नजरअंदाज किया जा सकता है।
संकल्प 377A (V)
गौरतलब है कि संकल्प 377A (V) की धारा A को “शांति के लिए एकजुट होना” (Uniting for Peace) के रूप में भी जाना जाता है। इसका उद्देश्य ऐसी स्थिति का समाधान करना है जिसमें संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी निभाने में विफल रहता है क्योंकि सुरक्षा परिषद के सदस्य एक-दूसरे से नज़र नहीं मिला सकते हैं यानी सहमत नहीं हैं।
यह प्रावधान महासभा को सबसे पहले महासचिव के माध्यम से आपात बैठक बुलाने का अधिकार देता है।
महासभा का उद्देश्य सामूहिक उपायों के लिए सदस्यों को सिफारिशें करना है, जिसमें आवश्यक होने पर सशस्त्र बल का उपयोग भी शामिल है।
इसे प्रभावी बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कम से कम एक सदस्य या महासभा सदस्यों के एक समूह को संकल्प पेश करने के पक्ष में होना आवश्यक होता है।