UNCCD ने “वैश्विक सूखा स्नैपशॉट 2023” रिपोर्ट जारी की
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन (UN Convention to Combat Desertification: UNCCD) ने 1 दिसंबर, 2023 को दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) में अंतर्राष्ट्रीय सूखा लचीलापन गठबंधन (International Drought Resilience Alliance: IDRA) के सहयोग से COP28 में ‘वैश्विक सूखा स्नैपशॉट 2023’ (Global Drought Snapshot’ report) रिपोर्ट लॉन्च की।
यह रिपोर्ट यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) के 101 पक्षकारों की रिपोर्टिंग पर आधारित है।
UNCCD1992 में रियो डी जनेरियो में हुए पृथ्वी शिखर सम्मेलन में शुरू किए गए तीन कन्वेंशंस में से एक है। अन्य दो कन्वेंशंस हैं; संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) और संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता (UN CBD)।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
भारत सहित कम से कम 23 देशों ने 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय या उप-राष्ट्रीय स्तर पर सूखे की आपात स्थिति घोषित की है।
जिन आपदाओं की वजह से अधिक लोगों की जिंदगी चली जाती है और अधिक आर्थिक नुकसान पहुंचता है, उनमें सूखा भी शामिल है।
1.84 अरब लोग सूखे से प्रभावित थे, जिनमें से 4.7 प्रतिशत गंभीर (सीवियर) या भीषण (एक्सट्रीम) सूखे की चपेट में थे।
सूखे के प्रभाव के कारण 23 देशों में आपातकाल घोषित कर दिया गया। इनमें से, यूरोप में सबसे अधिक देश (8) थे। स्पेन, इटली और यूनाइटेड किंगडम ने क्रमशः अप्रैल, मई और जुलाई 2023 में सूखे की इसकी घोषणा की, जबकि ग्रीस, पुर्तगाल, रोमानिया और सर्बिया ने जुलाई 2022 में इसकी घोषणा की गयी।
2022 और 2023 दोनों वर्षों में कई यूरोपीय देशों में सूखा और सूखे जैसी स्थितियां उत्पन्न हो गईं।
वर्ष 2022 में, यूरोप ने अपना सबसे बड़ा समग्र सूखा प्रभावित क्षेत्र दर्ज किया -लगभग 630,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक।
हाल के वर्षों में सूखे ने अपने प्रभावित क्षेत्र और तीव्रता का विस्तार किया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा ने भी क्रमशः जनवरी 2022 और मार्च 2023 में सूखे की आपात स्थिति घोषित की।
एशिया में, पांच देशों ने सूखे की घोषणा की – भारत और श्रीलंका ने अगस्त 2023 में, इंडोनेशिया ने जुलाई 2023 में, कजाकिस्तान और चीन ने क्रमशः अप्रैल और मई 2022 में।