हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में भारत आ रहे जहाज को किया हाईजैक

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यमन के हूती विद्रोही समूह (Houthis) ने 19 नवंबर को भारत आ रहे एक इजराइल लिंक्ड जहाज को जब्त कर लिया। हूती लड़ाके हेलीकॉप्टरों से जहाज पर उतरे और चालक दल के सभी 25 सदस्यों को बंधक बना लिया।

गैलेक्सी लीडर नामक यह जहाज तुर्की से गुजरात के पिपावाव की ओर आ  रहा था और इसमें कोई कार्गो नहीं था। इसके चालक दल के सदस्य बुल्गारिया, रोमानिया, यूक्रेन, मैक्सिको और फिलीपींस से हैं।

जहाज को लाल सागर में स्थित अल-हुदायदाह के  यमनी बंदरगाह के पास से अपहरण कर लिया गया। इजराइल ने अपहरण को “आतंकवाद का एक और ईरानी कृत्य” करार देते हुए दावा किया है कि जहाज ब्रिटिश स्वामित्व वाला और जापानी संचालित है।  

हूती  (Houthis) एक विद्रोही समूह है जो लगभग एक दशक से यमन सरकार की खिलाफ संघर्ष कर रहा है। उनके नियंत्रण में  यमन की आधिकारिक राजधानी सना सहित उत्तरी यमन है।

यमन की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता वाली  सरकार अब अदन से संचालित होती है।

इस समूह का नाम  हूती जनजाति के नाम पर रखा गया है।  हूती ईरान द्वारा समर्थित ज़ायदी शिया हैं, जबकि यमन सरकार को ईरान के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब और पश्चिम का समर्थन प्राप्त है।

इस समूह की उत्पत्ति 1990 के दशक की शुरुआत में ज़ायदी धार्मिक पुनरुद्धार आंदोलन में हुई। फिलिस्तीन के लिए  हूती  का समर्थन इजराइल और पश्चिम के कट्टर विरोध से उपजा है।

लाल सागर (Red Sea)  जल की एक संकीर्ण पट्टी है। यह स्वेज (मिस्र) नहर  से दक्षिण-पूर्व की ओर लगभग 1,200 मील  तक बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य तक फैली हुई है।

बाब अल-मंडेब से होकर यह अदन की खाड़ी से जुड़ती है और फिर अरब सागर से जुड़ती है।

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