केले की पहली परीक्षण खेप नीदरलैंड को निर्यात: एपीडा
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने समुद्री मार्ग से होकर नीदरलैंड में ताजा केले के पहले ट्रायल शिपमेंट के निर्यात की सुविधा प्रदान की है।
नीदरलैंड के लिए केले के एक कंटेनर की पहली निर्यात खेप को 9 नवंबर, 2023 एपीडा के अध्यक्ष ने बारामती, महाराष्ट्र से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
भारत में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण फल
गौरतलब है कि आम के बाद केला भारत में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण फल है। इसकी साल भर उपलब्धता, विविधता, स्वाद, पोषक तत्व और औषधीय वैल्यू इसे सभी वर्ग के लोगों का पसंदीदा फल बनाता है।
केला दक्षिण पूर्व एशिया के आर्द्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्र और भारत का नेटिव (मूल) फल है।
अभी केला की किस्में दो प्रजातियों – मूसा एक्यूमिनता (Musa acuminata) और मूसा बालबसियाना (Musa balbisiana) और उनके प्राकृतिक हाइब्रिड से विकसित हुई हैं।
केला कार्बोहाइड्रेट का एक समृद्ध स्रोत है और इसमें विटामिन विशेष रूप से विटामिन B प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है। यह पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम का भी अच्छा स्रोत है। यह फल पचाने में आसान है तथा यह वसा और कोलेस्ट्रॉल से मुक्त है।
सबसे बड़ा उत्पादक
ध्यातव्य है कि विश्व में केला का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, वैश्विक बाजार में भारत का निर्यात हिस्सा वर्तमान में केवल एक प्रतिशत है। विश्व के 35.36 मिलियन मीट्रिक टन केले उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 26.45 प्रतिशत है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में, भारत ने 176 मिलियन अमरीकी डालर के केले का निर्यात किया, जो 0.36 एमएमटी के बराबर है।
भारतीय केले के प्रमुख निर्यात गंतव्यों में ईरान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, उज्बेकिस्तान, सऊदी अरब, नेपाल, कतर, कुवैत, बहरीन, अफगानिस्तान और मालदीव शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, जर्मनी, चीन, नीदरलैंड, यूके और फ्रांस जैसे देशों में निर्यात के पर्याप्त अवसर हैं।