तेलंगाना में वृताकार जियोग्लिफ (Geoglyph) की खोज

तेलंगाना के मेडचल-मल्काजगिरी (Medchal Malkajgiri) जिले में मुदिचु थालापल्ली के बाहरी इलाके में एक वृताकार  जियोग्लिफ  (geoglyph in the form of a circle) पाया गया है, जिसे 3,000 साल पुराना (1000 ईसा पूर्व का) बताया गया है।

एक निचली ग्रेनाइट पहाड़ी पर उकेरा गया,  जियोग्लिफ  7.5 मीटर व्यास में फैला है और इसका आकार एकदम गोलाकार है। वृत्त के चारों ओर एक 30-सेंटीमीटर चौड़ा किनारा है, और वृत्त के भीतर दो त्रिकोण हैं।

ये तेलंगाना के लौह युग के निवासियों के कलात्मक कौशल और नक्काशी तकनीकों को प्रदर्शित करते हैं।

जियोग्लिफ रॉक आर्ट  का एक रूप है, जहां प्रागैतिहासिक मनुष्यों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पत्थरों, लोहे या कुछ अन्य उपकरणों का उपयोग करके जमीन पर एक डिजाइन या रूपांकन उकेरा जाता है।

इस मामले में, पुरातत्वविदों का मानना ​​है कि ‘पेकिंग’ नामक प्रक्रिया के माध्यम से  जियोग्लिफ बनाने में लोहे का उपयोग किया गया था।

भारत में  जियोग्लिफ  महाराष्ट्र के रत्नागिरी क्षेत्र के कोंकण पेट्रोग्लिफ में प्राप्त होते हैं जो एक पर्यटन स्थल है।

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