पनामलई (Panamalai) भित्तिचित्र

तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के पनामलई (Panamalai) में तालागिरीश्वर मंदिर (Talagirishwara temple) में पल्लव काल की 1,300 साल पुरानी भित्तिचित्र (Mural Paintings) उपेक्षा की शिकार हुई है।

भगवान शिव के नृत्य को दर्शाने वाला पैनल लगभग लुप्त हो चुका है और अब केवल देवी पार्वती का चेहरा और कुछ टुकड़े ही बचे हैं।  

तालागिरीश्वर मंदिर का निर्माण पल्लव राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय ने करवाया था, जो राजसिंह के नाम से प्रसिद्ध थे

ये पेंटिंग तालागिरीश्वर (शिव) मंदिर के उत्तरी किनारे पर एक उप-मंदिर की दीवार पर हैं, जो पनामलई पर स्थित है, जो ‘तालगिरी’ शब्द का तमिल नाम है। यह पेंटिंग एट्टुपट्टी लिंगम के पीछे की दीवार पर है।

इसमें आठ भुजाओं वाले भगवान शिव को नृत्य करते हुए दिखाया गया है, जिन्हें लतातिलागभानी (Latathilagabhani) के नाम से जाना जाता है। इसमें देवी पार्वती अपने मुकुट और अच्छी तरह से सजाए गए छत्र के साथ उस नृत्य को देख रही हैं।

पनामलई पेंटिंग सित्तनवासल पेंटिंग से भी पुरानी थीं और पल्लव राजा ने मंदिर बनाने के लिए पहाड़ियों को चुना था क्योंकि यह मंडागापट्टू में पहले रॉक-कट मंदिर के पास था। पत्थर की दीवारों को चूना पत्थर और रेत से प्लास्टर करने के बाद पेंटिंग बनाई गईं।

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