भारत ने इजरायल-गाजा संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान से किया परहेज
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 28 अक्टूबर 2023 को लाए गए उस रेज़ोल्यूशन पर वोटिंग में भाग नहीं लिया जो गाजा में ‘नागरिकों की सुरक्षा और क़ानूनी और मानवीय कदमों को जारी रखने की वचनबद्धता’ के समर्थन में था।
193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा के 10वें आपातकालीन विशेष सत्र में जॉर्डन ने यह रेज़ोल्यूशन लाया था जिसे को-स्पॉन्सर बांग्लादेश, पाकिस्तान, मालदीव, रूस और दक्षिण अफ्रीका समेत 40 देशों ने किया था।
रेज़ोल्यूशन में मानवीय आधार पर, गाजा में इजरायल और हमास आतंकवादियों के बीच तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था।
इस संकल्प के पक्ष में 120 वोट पड़े जबकि इसराइल, अमेरिका समेत 14 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया. वहीं 45 देश वोटिंग के समय अनुपस्थित रहे।
भारत सहित 45 देशों (जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इराक़, इटली, ब्रिटेन, यूक्रेन, साउथ सूडान, ट्यूनीशिया, फिलीपींस, स्वीडन, यूक्रेन और ज़िम्बाब्वे) जैसे देशों ने वोट नहीं डाले।
भारत का पक्ष
भारत का पक्ष था कि संकल्प में आतंकवादी गुट हमास का कोई उल्लेख नहीं था। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत योजना पटेल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकी हमले चौंकाने वाले थे और निंदनीय हैं। बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक गलत विचारधारा है और इसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या जाति नहीं होती।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को आतंकवादी समूह हमास द्वारा किए गए अचानक हमलों में 1,400 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई शुरू की है।