अर्गिल खादान (Argyle)
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक नए शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पिंक डायमंड की उत्पति के रहस्यों पर से पर्दा उठाया है। यह डायमंड अपनी दुर्लभता और सुंदरता के कारण दुनिया के सबसे महंगे पत्थरों में से शामिल हैं।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में अर्गिल खादान (Argyle) 90% से अधिक पिंक डायमंड का स्रोत है। नए शोध के मुताबिक अर्गिल में, पृथ्वी के अंदरूनी हिस्से में गहराई से क्रिस्टलीकृत हीरे सतह पर तब लाए गए जब एक सुपरकॉन्टिनेंट, नूना (Nuna), टूटना शुरू हुआ।
शोधकर्ता के मुताबिक जैसे-जैसे महाद्वीप टूटते हैं, उनके किनारे खिंचते हैं, जिससे हीरे से भरपूर मैग्मा के छोटे-छोटे हिस्से सतह पर आ जाते हैं। खनन किये गये हीरे में से केवल 20% ही रत्न गुणवत्ता वाले होते हैं।
अब तक पाए गए सभी पिंक डायमंड्स में से 90% से अधिक पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के किम्बरली क्षेत्र की एक ही खदान अर्गिल से आए हैं।
बता दें कि हीरे एक सघन, रेगुलर लाइटिस में व्यवस्थित कार्बन परमाणुओं से बने होते हैं। साफ़, उत्तम हीरे चमकते हैं क्योंकि प्रकाश उनकी आंतरिक सतहों से परावर्तित होता है। हालाँकि, जब हीरे पृथ्वी के अंदर तीव्र दबाव में होते हैं, तो परमाणुओं की जाली मुड़ और झुक सकती है। इससे छोटी-छोटी त्रुटियां पैदा होती हैं जो प्रकाश को विवर्तित करती हैं और रत्न में रंग ला देती हैं।
सभी हीरे पाइपनुमा ज्वालामुखियों में या उनके नष्ट हुए अवशेषों में पाए जाते हैं। इन ज्वालामुखियों की जड़ें महाद्वीपों के नीचे गहरी हैं, जहां हीरे रहते हैं।