भारत में हाथी गलियारे (Elephant Corridors)

भारत में हाथी-पर्यावास वाले  चार  क्षेत्रों में 15 रेंज-राज्यों में फैले कम से कम 150 हाथी गलियारे (elephant corridors) हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल 26 ऐसे गलियारों साथ देश में सर्वाधिक हाथी गलियारे वाला राज्य है।

केंद्र सरकार की 2010 की हाथी टास्क फोर्स रिपोर्ट (गजाह रिपोर्ट) में देश में 88 गलियारे सूचीबद्ध हैं। हालांकि, “भारत के हाथी गलियारे” शीर्षक वाली नवीनतम रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इनमें से 59 गलियारों में हाथियों के उपयोग की तीव्रता बढ़ी है, 29 में स्थिर रही और 29 अन्य में कमी आई है।

कुल गलियारों में से 15 क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कार्यक्षमता बहाल करने के लिए पुनर्स्थापन प्रयासों की आवश्यकता है।

हाथियों द्वारा 18 गलियारों के वर्तमान उपयोग के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं थी।

हाथी गलियारा एक भूमि पट्टी है जो दो या दो से अधिक व्यवहार्य हैबिटेट क्षेत्रों के बीच हाथियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करती है। व्यवहार्य हैबिटेट स्थल  से जुड़े बिना जानवरों को वन निवास से दूर मानव क्षेत्र में ले जाने वाले गलियारे सच्चे हाथी गलियारे नहीं माने जाते हैं।

2017 में किए गए अंतिम अनुमान के अनुसार, भारत में लगभग 30,000 हाथी हैं, जो जानवरों की वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सबसे अधिक हाथी गलियारों के मामले में पश्चिम बंगाल सबसे आगे है। हाथी गणना-2023 के अनुसार, हाथियों की कुल संख्या में कर्नाटक देश में सबसे आगे है।

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