असम राइफल्स (Assam Rifles): दोहरी नियंत्रण संरचना

Image credit: Assam Rifles X (Former Twitter)

मणिपुर में मैतेई- और कुकी-ज़ोमी-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के बीच “बफर ज़ोन”  में तैनात, असम राइफल्स (Assam Rifles) को मैतेई लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने तो इसे राज्य से हटाने की भी मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि असम राइफल्स एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत छह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में से एक है।

न्य पांच बल हैं: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) हैं।

असम राइफल्स को भारतीय सेना के साथ पूर्वोत्तर में कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम सौंपा गया है। यह भारत-म्यांमार सीमा की भी रक्षा करता है।

यह दोहरी नियंत्रण संरचना वाला (dual control structure) एकमात्र अर्धसैनिक बल है

जहां असम राइफल्स बल का प्रशासनिक नियंत्रण केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है, इसका ऑपरेशनल कण्ट्रोल भारतीय सेना के पास है, जो रक्षा मंत्रालय  के अधीन है।

इसका मतलब यह है कि असम राइफल्स के लिए वेतन और बुनियादी ढांचा गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है, लेकिन उनकी तैनाती, पोस्टिंग,ट्रांसफर और डेप्युटेशन सेना द्वारा तय की जाती है।

इसके सभी वरिष्ठ रैंक, डीजी से लेकर आईजी तक और सेक्टर मुख्यालयों का प्रबंधन सेना के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। असम राइफल्स की कमान भारतीय सेना के एक लेफ्टिनेंट जनरल के हाथ में होती है।

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