राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह 2023
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 7 अगस्त 2023 को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 9वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह (National Handloom Day Celebration) की अध्यक्षता की और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित ई-पोर्टल ‘भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष-(Bhartiya Vastra evam Shilpa Kosh) कपड़ा और शिल्प का भंडार’ का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त, 2015 को आयोजित किया गया था।
इस तारीख को विशेष रूप से स्वदेशी आंदोलन के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में चुना गया था, जिसे 7 अगस्त, 1905 को शुरू किया गया था। इस साल 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया।
स्वदेशी आंदोलन पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल विदेश में बने कपड़ों के बहिष्कार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि भारत की स्वतंत्र अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणास्रोत भी रहा।
उन्होंने कहा कि यह भारत के बुनकरों को लोगों से जोड़ने का आंदोलन था और सरकार द्वारा इस दिन का चयन राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में करने के पीछे यही प्रेरणा थी।
‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि हर जिले के विशेष उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने सरकार द्वारा राज्यों की हर राजधानी में विकसित किए जा रहे एकता मॉल का भी उल्लेख किया, जो राज्य और जिले के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देगा। इससे हथकरघा क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ होगा।
GeM पोर्टल (सरकारी ई-मार्केटप्लेस) के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे छोटा कारीगर, शिल्पकार या बुनकर भी अपना उत्पाद सीधे सरकार को बेच सकता है।
भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष
ई-पोर्टल ‘भारतीय वस्त्र एवं शिल्प कोष’ एक अनूठे ज्ञान भंडार के रूप में कार्य करेगा, जो भविष्य के विकास पर ध्यान देने के साथ वस्त्र, परिधान और संबंधित शिल्प की अतीत और वर्तमान स्थिति के संबंध में एक रूपरेखा तैयार करेगा।
डिजिटल पोर्टल; वस्त्र, परिधान और वस्त्र निर्माण शिल्प से संबंधित क्षेत्रों पर शोध पत्र, केस स्टडी, शोध प्रबंध और डॉक्टरेट के लेख सहित विशाल डेटाबेस तक पहुंच भी प्रदान करेगा।
यह एक ही जगह पर उपलब्ध संसाधन के रूप में काम करेगा, जो कपड़ा और शिल्प से संबंधित नए विकास कार्यों और वर्तमान घटनाओं पर जानकारी प्रदान करेगा।