ऑयल इंडिया को महारत्न तथा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड को नवरत्न का दर्जा दिया गया
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 3 अगस्त को तेल क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (CPSEs); ऑयल इंडिया और ONGC विदेश को क्रमशः केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) की महारत्न और नवरत्न श्रेणियों में अपग्रेड किया है। नए दर्जा मिलने से कंपनियों को भारत और विदेश, दोनों जगह बड़े निवेश पर खुद निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) को ‘महारत्न’ दर्जा
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) को ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है, जिससे ऐसी संस्थाओं की कुल संख्या 13 हो गई है।
इस कदम से केंद्र सरकार द्वारा संचालित कंपनी को अधिक ऑपरेशनल और वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी।
CPSE के लिए महारत्न योजना 19 मई, 2010 से शुरू की गई थी, ताकि उन्हें अपने ऑपरेशन का विस्तार करने और विश्व की बड़ी कम्पनी के रूप में उभरने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
ऐसा दर्जा प्राप्त कुछ महत्वपूर्ण CPSE हैं; बीएचईएल, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल और सेल।
अग्रलिखित मानदंडों को पूरा करने वाले CPSE को महारत्न का दर्जा देने पर विचार किया जा सकता है:
-नवरत्न का दर्जा प्राप्त हो;
-सेबी नियमों के तहत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक शेयरधारिता के साथ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो;
-पिछले तीन वर्षों के दौरान औसत वार्षिक टर्नओवर 2,500 करोड़ रुपये से अधिक हो;
-पिछले 3 वर्षों के दौरान औसत वार्षिक नेटवर्थ 15,000 करोड़ रुपये से अधिक;
पिछले 3 वर्षों के दौरान कर पश्चात औसत वार्षिक नेट प्रॉफिट 5,000 करोड़ रुपये से अधिक;
-महत्वपूर्ण वैश्विक उपस्थिति/अंतर्राष्ट्रीय संचालन होना चाहिए।
ONGC विदेश लिमिटेड (OVL) को नवरत्न दर्जा
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) को श्रेणी-I ‘मिनीरत्न’ से ‘नवरत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत ओएनजीसी विदेश, CPSE के बीच 14वां ‘नवरत्न’ होगा।
इस दर्जे का मतलब है कि कंपनी को निवेश, संयुक्त उद्यम स्थापित करने और अन्य वित्तीय निर्णयों के मामले में अधिक स्वायत्तता मिलेगी।
नवरत्न कंपनी के मानदंडों के अनुसार, कंपनी को चार स्वतंत्र बोर्ड निदेशकों के साथ मिनीरत्न का दर्जा प्राप्त होना चाहिए। इसके अलावा, कंपनी को नेट वर्थ, शुद्ध लाभ, कुल उत्पादन लागत, जनशक्ति लागत, सेवा लागत, नियोजित पूंजी और मूल्यह्रास, ब्याज और करों से पहले लाभ (PBDIT जैसे मापदंडों में 100 में से 60 अंक प्राप्त करना होगा।
भारत में अब 13 महारत्न कंपनियाँ, 14 नवरत्न कंपनियाँ और 74 मिनीरत्न CPSEs हैं।