जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT)
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के एक ऑडिट में पाया गया कि छत्तीसगढ़ में खनन से प्रभावित क्षेत्रों और लोगों की पहचान करने में 17-50 महीने की देरी हुई।
21 जुलाई को विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि खनन विभाग के जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (District Mineral Foundation Trust: DMFT) ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान किए बिना 891.67 करोड़ रुपये के कार्यों को भी मंजूरी दे दी।
DMFT की स्थापना 2015 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन कार्यों से प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के हित और लाभ के लिए एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में की गई थी।
गौरतलब है कि जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) की अवधारणा को खान और खनिज (विकास और विनियमन) MMDR अधिनियम, 1957 में संशोधन के माध्यम से पेश किया गया था।
MMDR अधिनियम, 1957 की धारा 9 B राज्य सरकार को खनन गतिविधियों से प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के लाभ के लिए खनन से प्रभावित सभी जिलों में जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) ट्रस्ट स्थापित करने का अधिकार देती है।
संशोधित अधिनियम में अन्य बातों के साथ-साथ धारा 9B भी शामिल की गई है जो खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित सभी जिलों में गैर-लाभकारी निकाय के रूप में एक ट्रस्ट DMF की स्थापना का प्रावधान करती है।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) DMF के तहत एकत्रित धनराशि के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।