लोकसभा ने खान और खनिज (विकास और विनियमन संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया
लोकसभा ने 28 जुलाई 2023 को खान और खनिज (विकास और विनियमन संशोधन) विधेयक, 2023 (Mines and Minerals (Development and Regulation Amendment) Bill, 2023) पारित किया।
मुख्य तथ्य
यह विधेयक खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 में संशोधन का प्रस्ताव करता है, जो खनन उद्योग को नियंत्रित करता है।
यह विधेयक लिथियम को प्रतिबंधात्मक परमाणु खनिजों की ऐसी सूची से बाहर लाता है जिसके लिए केंद्र से खनन अनुदान की आवश्यकता होती है और केवल सरकारी कंपनियों को लाइसेंस दिया जाता है।
सूची में शामिल 12 खनिजों में से आठ परमाणु खनिजों को सूची से बाहर कर खनिजों को एक नई श्रेणी – महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों ( critical and strategic minerals) में शामिल किया गया है। ये हैं; लिथियम वाले खनिज, ज़िरकोनियम वाले खनिज, सैंड बीच खनिज, टाइटेनियम समूह के खनिज, यूटेनियम और थोरियम वाले रेयर अर्थ समूह के खनिज।
केंद्र सरकार के पास सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्र की खनन कंपनियों को इन खनिजों के खनन की अनुमति देने की शक्ति होगी।
यह विधेयक केंद्र सरकार को सोना, चांदी, प्लैटिनम, तांबा जैसे कुछ महत्वपूर्ण उच्च मूल्य वाले खनिजों के लिए विशेष रूप से खनन पट्टे और समग्र अन्वेषण लाइसेंस की नीलामी करने का अधिकार देता है।
यह विधेयक खदान का सर्वेक्षण और पूर्वेक्षण कार्यों के लिए बोझिल वन मंजूरी से भी छुटकारा दिलाता है, जिससे निजी कंपनियों के लिए देश के खनिज संसाधनों की खोज में भाग लेना आसान हो जाता है।
निवेशकों के लिए खनिज अन्वेषण और उत्पादन को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए खनन कानून में बदलाव लाए जा रहे हैं। कानून में सुधार प्रस्तावों में राज्यों को केंद्र सरकार से मंजूरी प्राप्त किए बिना मिश्रित खनिज लाइसेंस देने की अनुमति देना शामिल है।
उम्मीद है कि इससे राज्य सरकारें तेज गति से ब्लॉकों की नीलामी कर सकेंगी।
विधेयक में अपतटीय खनिजों (offshore minerals) के लिए एक निश्चित, 50-वर्षीय उत्पादन पट्टे देने का प्रस्ताव है।