भारत और UAE ने लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं और UPI को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये
भारतीय रिजर्व बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (CBUAE) ने 15 जुलाई को सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं को बढ़ावा देने और अपने भुगतान सिस्टम UPI को यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (IPP) के साथ जोड़ने से संबंधित दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
स्थानीय मुद्रा लेनदेन समझौता
लेन-देन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने पर पहले समझौता ज्ञापन का उद्देश्य द्विपक्षीय रूप से INR और AED के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (LCSS) स्थापित करना है।
दोनों देश अब सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं, यानी भारतीय रुपया (INR) और संयुक्त अरब अमीरात दिरहम (AED) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक कॉमन फ्रेमवर्क स्थापित करने में एक-दूसरे की मदद करेंगे।
दूसरा समझौता बैंकों को अपने भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम को UPI और IPP के साथ जोड़ने में मदद करेगा।
इसमें सभी चालू खाता लेनदेन और अनुमत पूंजी खाता लेनदेन शामिल हैं।
LCSS निर्यातकों और आयातकों को उनकी संबंधित घरेलू मुद्राओं में इनवॉइस और पेमेंट करने में सक्षम बनाएगा, जो बदले में INR-AED विदेशी मुद्रा बाजार के विकास को सक्षम करेगा।
पेमेंट और मैसेज प्रणाली
दूसरे समझौता ज्ञापन के तहत, ‘पेमेंट और मैसेज प्रणाली’ पर, दोनों केंद्रीय बैंक अपने फास्ट पेमेंट सिस्टम (FPSs) – भारत की UPI को संयुक्त अरब अमीरात के IPP के साथ जोड़ने पर सहयोग करने पर सहमत हुए।
संबंधित कार्ड स्विच (RuPay स्विच और UAESWITCH) को जोड़ना और भारत की पेमेंट मैसेजिंग सिस्टम – SFMS) को यूएई में मैसेजिंग सिस्टम के साथ जोड़ने की खोज भी शामिल थी।
UPI -IPP लिंकेज किसी भी देश में उपयोगकर्ताओं को तेज, सुविधाजनक, सुरक्षित और लागत प्रभावी क्रॉस-बॉर्डर फंड ट्रांसफर करने में सक्षम बनाएगा।
कार्ड स्विचों को जोड़ने से घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और कार्ड लेनदेन की प्रोसेसिंग में सुविधा होगी।
मैसेजिंग सिस्टम के लिंकेज का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय फाइनेंसियल मैसेजिंग को सुविधाजनक बनाना है।