ई लॉग्स (E logs) प्लेटफॉर्म और सर्विस इन्वेस्टमेंट ग्रुप (SIG)

केंद्र सरकार ने कहा है कि उद्योग संघों को ई लॉग्स (E logs) प्लेटफॉर्म पर भाग लेना चाहिए और सेवा निवेश समूह (Service Investment Group: SIG) को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के अनुरूप फास्ट ट्रैक मोड पर इन मुद्दों को संबोधित करने में मदद करने के लिए अपने मुद्दों पर विचार-विमर्श करना चाहिए।

SIG की स्थापना उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के लॉजिस्टिक्स डिवीजन में की गई थी, जिसमें विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) इसके अध्यक्ष और संयोजक होते हैं। SIG में 13 संबंधित मंत्रालयों के नोडल अधिकारी शामिल हैं जिनमें राजस्व विभाग, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग और नीति आयोग के सदस्य शामिल हैं।

पंजीकृत हितधारकों को ‘ई लॉग्स’ नामक एक सक्षम तकनीकी मंच के माध्यम से हस्तक्षेप की आवश्यकता वाले मुद्दे उठाने की अनुमति है।

ई लॉग पोर्टल पर अब तक 29 उद्योग/व्यावसायिक संघों को सूचीबद्ध किया गया है और उन्हें उनके त्वरित समाधान के लिए विभिन्न मंत्रालयों के तहत संबंधित लाइन विभागों के साथ सीधे अपने मुद्दों को उठाने के लिए उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड प्रदान किया गया है।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति

प्रधान मंत्री ने 17 सितंबर 2022 को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति लॉन्च की थी।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के विभिन्न उद्देश्यों में से सबसे महत्वपूर्ण है 2030 तक भारत में लॉजिस्टिक लागत को सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानित 14% से कम करके लगभग 8% के वैश्विक स्तर पर लाना है

इस नीति का उद्देश्य भारतीय वस्तुओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना और क्षेत्र में आर्थिक विकास और नौकरी के अवसरों को बढ़ावा देना भी है। नीति के तहत एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स सर्विसेज-ई-लॉग्स (Ease of logistics Services -E-Logs) शुरू किया गया है।

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