केंद्र सरकार ने भारत के लिए 30 क्रिटिकल मिनरल्स की सूची जारी की है
खान मंत्रालय ने “भारत के लिए क्रिटिकल मिनरल्स” (Critical Minerals for India) पर देश की पहली रिपोर्ट जारी की है, जो मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ टीम द्वारा तैयार की गई है।
यह पहली बार है जब भारत ने रक्षा, कृषि, ऊर्जा, फार्मास्युटिकल, दूरसंचार आदि क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल मिनरल्स की व्यापक सूची की पहचान की है।
रिपोर्ट की एक परिभाषा के अनुसार क्रिटिकल मिनरल्स वह है जिसकी आपूर्ति में भविष्य में खतरा हो सकता है और जिसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव अन्य कच्चे माल की तुलना में (अपेक्षाकृत) अधिक होता है।
30 क्रिटिकल मिनरल्स
भारत के लिए कुल 30 खनिज क्रिटिकल मिनरल्स हैं: एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, तांबा, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफ़नियम, इंडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नाइओबियम, निकेल, पीजीई, फॉस्फोरस, पोटाश, रेयर अर्थ एलिमेंट, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम।
ये देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
जहां इलेक्ट्रिक वाहनों या सेलफोन में उपयोग की जाने वाली बैटरियों के लिए कोबाल्ट, निकल और लिथियम जैसे तत्वों की आवश्यकता होती है, वहीं अर्धचालक और उच्च-स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में रेयर अर्थ एलिमेंट, ट्रेस मात्रा में, महत्वपूर्ण होते हैं।
दुनिया के अधिकांश देशों ने अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है।
भारत की पहल
भारत क्रिटिकल मिनरल्स आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए मिनरल सिक्योरिटी पार्टनरशिप (MSP) में सबसे नया भागीदार बन गया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में फील्ड सीज़न 2020-21 और 2021-22 के दौरान जी 3 चरण खनिज अन्वेषण (काफी उन्नत) किया और 5.9 मिलियन टन के अनुमानित लिथियम अयस्क संसाधन का अनुमान लगाया। .
खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) को लिथियम, कोबाल्ट और अन्य कक्रिटिकल और रणनीतिक प्रकृति की विदेशी खनिज संपत्तियों की पहचान करने और अधिग्रहण करने का आदेश दिया गया है ताकि इनकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।