न्यू कलेक्टिव क्वांटिफाइड गोल (NCQG)

जर्मनी में जून 2023 में संपन्न बॉन जलवायु सम्मेलन, दुबई में आयोजित होने वाले COP28 के लिए राजनीतिक एजेंडे की रूपरेखा तैयार करने की उम्मीद रखी गयी थी ताकि जलवायु वित्त पोषण जैसी महत्वपूर्ण चुनौती का समाधान किया जा सके। लेकिन इस सम्मेलन ने जलवायु कार्रवाई के लिए आवश्यक धन की भारी कमी को उजागर किया है।

जलवायु परिवर्तन नीतियों के लिए पैसा कहाँ से और किस रूप में आना चाहिए, को लेकर विकसित और विकासशील देशों के बीच लंबे समय से  गतिरोध चला आ रहा।  

100 अरब डॉलर का जलवायु वित्त लक्ष्य, जिसके लिए विकसित देशों ने 2009 में प्रतिबद्धता जताई थी, की जगह 2025 में न्यू कलेक्टिव क्वांटिफाइड गोल (New Collective Quantified Goal : NCQG) लेगा।

2009 में पक्षकारों के सम्मेलन  (COP) में  विकसित देशों से विकासशील देशों के लिए ‘2020 तक प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर’ की प्रतिबद्धता का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन तब से अनुमान से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिए अरबों और यहां तक कि खरबों डॉलर खर्च हो सकते हैं। इसलिए, 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में 2025 से पहले जलवायु वित्तपोषण के लिए एक न्यू कलेक्टिव क्वांटिफाइड गोल (NCQG) निर्धारित करने पर सहमति बनी।

इस प्रकार NCQG को “सबसे महत्वपूर्ण जलवायु लक्ष्य” कहा जाता है। यह विकसित देशों से जलवायु वित्तपोषण की प्रतिबद्धता की सीमा को बढ़ाता है। हालांकि इस पर सहमति नहीं पायी है।

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