जीरा (Cumin)
जीरा (Cumin) एक सुगंधित बीज है जो भारतीय व्यंजनों में अतिरिक्त स्वाद जोड़ता है। हाल में इसकी कीमतें आसमान छू रही है। 19 जून को गुजरात के मेहसाणा जिले के उंझा की APMC (कृषि उपज बाजार समिति) मंडी में इसकी कीमत 50,000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गई।
सरकारी अनुमान के अनुसार, भारत का जीरा उत्पादन 2019-20 में 9.12 लाख टन (lt) से गिरकर 2020-21 में 7.95 लाख टन और 2021-22 में 7.25 लाख टन हो गया है।
व्यापारियों का मानना है कि 2022-23 में इसका उत्पादन (अक्टूबर-नवंबर में बोया जाता है और फरवरी-मार्च में काटा जाता है) थोड़ा कम होगा, जिसका मुख्य कारण इस बार मार्च की दूसरी छमाही के दौरान बेमौसम बारिश है।
बता दें कि भारत से चीन, बांग्लादेश, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की को जीरा निर्यात किया जाता है।
विश्व में जीरा का लगभग 70% उत्पादन भारत में होता है। सीरिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान जैसे अन्य देश शेष 30% उत्पादित करते हैं।
भारत में 2021-22 में कुल 7.25 लाख तन उत्पादन में से, दो राज्यों – गुजरात (4.20 लाख तन) और राजस्थान (3.03 लाख तन) की संयुक्त 99.7% हिस्सेदारी थी।
जीरा का पौधा एक वार्षिक herbaceous वाला पौधा है जिसमें पतले शाखाओं वाले तने और लेस जैसे फूल होते हैं जो लगभग 1-2 फीट ऊंचे होते हैं। यह पौधा सूखा-सहिष्णु है और पूरे दक्षिण भूमध्यसागरीय और पश्चिम एशिया में उगता है।
जीरे की उत्पत्ति पश्चिमी एशिया में हुई जहाँ बाइबिल के समय से इसकी खेती की जाती थी।
जीरा मौसम के प्रति बेहद संवेदनशील फसल है। इसके लिए मध्यम ठंडी और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है, जबकि नमी इस फसल के फूल आने और बीज विकास के चरणों के दौरान फंगल संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
इसकी खेती सौराष्ट्र, कच्छ और गुजरात के उत्तरी हिस्सों और पश्चिमी राजस्थान के आसपास के जिलों तक सीमित है।