देशभर में 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति
भारत सरकार ने देशभर में 2000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Kendras) खोलने की अनुमति देने का फ़ैसला किया है। नई दिल्ली में केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख एस मांडविया के साथ हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।
देशभर में 2000 PACS की प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में खोलने के लिए पहचान की जाएगी, इनमें से 1000 जन औषधि केंद्र इस साल अगस्त तक और 1000 दिसंबर तक खोले जाएँगे।
इस महत्वपूर्ण निर्णय से PACS की आय बढ़ने और रोज़गार के अवसर पैदा होने के साथ ही लोगों, ख़ासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को सस्ती क़ीमत पर दवाइयाँ भी उपलब्ध होंगी।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र
सभी लोगों को सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) की शुरूआत 2015 में फार्मास्यूटिकल्स विभाग (रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा की गई थी।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) ने पूरे भारत में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है।
इसी परियोजना के तहत प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के लिए स्वयं या किराए का कम से कम 120 वर्ग फुट स्थान होना चाहिए।
जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन शुल्क 5000 रुपये है। महिला उद्यमी, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और भूतपूर्व सैनिक विशेष श्रेणी में आते हैं।
आकांक्षी जिले, हिमालयी पर्वतीय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्य और द्वीप समूह विशेष क्षेत्र में हैं। विशेष श्रेणी एवं विशेष क्षेत्र के आवेदकों को आवेदन शुल्क में छूट है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के लिए प्रोत्साहन राशि 5 लाख रुपये (मासिक खरीद का 15% या अधिकतम रुपये 15,000 प्रति माह) है। विशेष श्रेणियों एवं क्षेत्रों में आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में 2 लाख रुपये की एक मुश्त अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।