Pidgin Language: प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी की आधिकारिक भाषा ‘टोक पिसिन’ में तिरुक्कुरल का विमोचन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी की अपनी यात्रा के दौरान टोक पिसिन (Tok Pisin) भाषा में तमिल शास्त्रीय ग्रन्थ ‘तिरुक्कुरल’ (Thirukkural) का विमोचन किया।
टोक पिसिन में तमिल क्लासिक ‘तिरुक्कुरल का विमोचन सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ के लिए भारत और पापुआ न्यू गिनी, दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह पहल पापुआ न्यू गिनी के लोगों के साथ भारत की समृद्ध साहित्यिक विरासत को जोड़ने वाले सेतु का काम करेगी। यह इस प्रशांत देश के निवासियों को तिरुक्कुरल में निहित गहन ज्ञान और मूल्यों का पता लगाने और उनकी सराहना करने का अवसर प्रदान करता है।
टोक पिसिन- पिजिन भाषा
बता दें कि टोक पिसिन पापुआ न्यू गिनी के पूरे देश की भाषा है, जिसे देश के निवासियों के अनुमानित तीन चौथाई लोग बोलते हैं।
वास्तव में, यह शहरी क्षेत्रों की सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है। टोक पिसिन, मूल रूप से एक पिजिन भाषा (pidgin language) है जो एक क्रियोल भाषा (Creole language) में विकसित हुई।
पिजिन भाषाएं वे भाषाएं हैं जो तब सृजित की जाती हैं जब अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोगों को विशिष्ट कारणों से संवाद करने की आवश्यकता होती है।
ये भाषाएँ ऐसे समय में बनीं जब यूरोप के व्यापारी अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और ओशिनिया के विभिन्न द्वीपीय क्षेत्रों में आते-जाते थे। हालांकि, विभिन्न भाषाओं के बोलने वालों के बीच संवाद की आवश्यकता होने पर कभी भी पिजिन भाषा विकसित हो सकती हैं। यह प्रत्येक भाषा के शब्दों का मिश्रण होती हैं और उनका एक सरल व्याकरण होता है।