सर्कुलेशन से 2,000 रुपये के बैंक नोटों की वापसी और क्लीन नोट पॉलिसी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सर्कुलेशन से 2,000 मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को वापस लेने का फैसला किया है और सभी को 30 सितंबर, 2023 तक उन्हें बदलने के लिए कहा है। हालांकि, 2,000 रुपये के नोट कानूनी मुद्रा (लीगल टेंडर) बने रहेंगे।
2,000 रुपये के नोट वापसी के कारण
RBI के अनुसार, नवंबर 2016 में 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट को मुख्य रूप से सर्कुलेशन में सभी 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों की लीगल टेंडर स्थिति को वापस लेने के बाद लोगों की करेंसी की आवश्यकता को तेजी से पूरा करने के उद्देश्य से पेश किया गया था।
RBI के अनुसार, 2000 रुपये के नोट आमतौर पर लेनदेन के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है।
इसके अलावा, जनता की करेंसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का स्टॉक पर्याप्त बना हुआ है।
उपर्युक्त के अलावा “क्लीन नोट पॉलिसी” (Clean Note Policy) का पालन करते हुए केंद्रीय बैंक ने सर्कुलेशन से 2000 मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
बता दें कि नए 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोट नवंबर 2016 में RBI अधिनियम 1934 की धारा 24 (1) के तहत जारी किए गए थे। 2018-19 तक, केंद्रीय बैंक पहले ही 2,000 रुपये के नए नोट छाप चुका था।
RBI के निर्देश
लोग अपने पास रखे 2000 रुपये के नोटों को जमा करने और/या बदलने के लिए बैंक ब्रांच से संपर्क कर सकते हैं।
2000 रुपये के नोटों को खातों में जमा करने और बदलने की सुविधा 23 मई, 2023 से 30 सितंबर, 2023 तक सभी बैंकों में उपलब्ध होगी। हालांकि, एक समय में, केवल 2000 रुपये के नोटों को 20,000 रुपये की सीमा तक ही बदला जा सकता है यानी एक बार में 10 बैंकनोट।
बैंक खातों में बिना किसी प्रतिबंध के जमा किया जा सकता है।
2000 रुपये के नोटों को बैंक खातों में जमा किया जा सकता है और इसके बदले नकद प्राप्त किया जा सकता है।
यहां तक कि गैर-खाताधारक भी किसी भी बैंक शाखा में एक बार में 20,000/- रुपये की सीमा तक 2000 रुपये के नोट बदल सकते हैं।
2000 रुपये के बैंकनोट की लीगल टेंडर स्थिति बनी रहेगी अर्थात ये बैंक नोट गैर-कानूनी नहीं होंगे।
लोग अपने लेनदेन के लिए 2000 रुपये के नोटों का उपयोग जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में प्राप्त भी कर सकते हैं।
बता दें कि 2000 रुपये के लगभग 89% नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और 4-5 साल के वे अनुमानित जीवनकाल के अंत के करीब हैं।
सर्कुलेशन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 तक 6.73 लाख करोड़ रुपये के अपने सर्वोच्च स्तर से गिरकर 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 31 मार्च , 2023 तक सर्कुलेशन में नोटों का केवल 10.8% है।
क्लीन नोट पॉलिसी (Clean Note Policy)
लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक नोट्स उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा “स्वच्छ नोट नीति” अपनाई जाती है।
इसे प्राप्त करने के लिए, RBI ने करेंसी प्रबंधन वाले अपने सभी कार्यालयों में हाई-स्पीड करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम (CVPS) मशीनें स्थापित की हैं।
ये मशीनें प्रति घंटे 50,000-60,000 नोटों को प्रोसेस कर सकती हैं और पुराने नोटों को टुकड़ों में काटकर कॉम्पैक्ट कर दिया जाता है। इस नीति की घोषणा पहली बार 1999 में की गई थी।
डिजिटल पेमेंट को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए अक्टूबर 2018 में नई क्लीन नोट पॉलिसी पेश की गई थी।