भारत और EFTA ने एक नए व्यापार और साझेदारी समझौते (TEPA) की दिशा में कदम बढ़ाए

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के देशों (आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे तथा स्विट्जरलैंड) ने व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (Trade and Partnership Agreement: TEPA) की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

बेल्जियम के ब्रुसेल्स में 16 मई को आयोजित एक मंत्रिस्तरीय बैठक में, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री और EFTA के प्रतिनिधियों ने एक व्यापक TEPA की दिशा में काम करने के तौर-तरीकों के बारे में चर्चा की।

मंत्रिस्तरीय बैठक ने भारत और EFTA के बीच TEPA पर बातचीत को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। दोनों पक्षों ने निष्पक्ष, न्यायसंगत और उचित समझौते के लिए विश्वास और परस्पर संवेदनशीलता के सम्मान के सिद्धांतों पर चर्चा करने के महत्व पर बल दिया।

यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA ) और भारत के बीच व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) से महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिल सकते हैं।

इन लाभों में समन्वित और लचीली आपूर्ति श्रृंखला, द्विपक्षीय व्यापार के नए अवसर, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास आदि शामिल है। इनसे व्यापार और निवेश प्रवाह में वृद्धि, रोजगार सृजन, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

गौरतलब है कि भारत EFTA का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका 2020-21 में भारत के कुल व्यापारिक व्यापार का लगभग 2.5% हिस्सा है।

EFTA को भारत के निर्यात की मुख्य वस्तुएँ कपड़ा, रसायन, रत्न और आभूषण, मशीनरी और फार्मास्यूटिकल्स हैं। EFTA से भारत द्वारा आयात की जाने वाली मुख्य वस्तुएं मशीनरी, रसायन, कीमती धातुएं और चिकित्सा उपकरण हैं।

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