प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर को पहले गोविंद स्वरूप लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया
प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर को एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ़ इंडिया (ASI) के पहले गोविंद स्वरूप लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर एक उत्कृष्ट खगोलशास्त्री, अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र: खगोलविज्ञान और खगोलभौतिकी (इंटर- यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स- IUCAA), पुणे के संस्थापक निदेशक और एएसआई के पूर्व अध्यक्ष भी रहे।
प्रोफेसर नार्लीकर भारत में ब्रह्मांड विज्ञान (कॉस्मोलॉजी) अनुसंधान शुरू करने वाले शुरूआती व्यक्तियों में से थे। वह भारतीय विश्वविद्यालयों में केन्द्रीकरण (न्यूक्लियेट) करने के लिए एक समर्पित केंद्र बनाने और खगोल विज्ञान पाठ्यक्रम एवं अनुसंधान का प्रसार करने का विचार लेकर आए।
उनके परिश्रम से IUCAA की स्थापना का उनका स्वप्न साकार हुआ।
गोविंद स्वरूप लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
वर्ष 2022 में अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती के आयोजन के साथ ही एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) ने प्रतिष्ठित भारतीय खगोलविदों को उनके कार्यकाल (करियर) के दौरान भारत में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में किए गए योगदान के लिए गोविंद स्वरूप लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार की स्थापना की।
इस पुरस्कार का नामकरण प्रो. गोविंद स्वरूप (1929-2020) के सम्मान में रखा गया है। प्रो. स्वरूप को व्यापक रूप से भारतीय रेडियो खगोल विज्ञान का संस्थापक माना जाता है।
उन्होंने ऊटी रेडियो टेलीस्कोप (ओआरटी) और जायंट मेट्रूवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) के निर्माण की कल्पना की और भारतीय पर्यावरण के लिए अनुकूलित नवीन, लागत प्रभावी विचारों का उपयोग किया