थैलेसीमिया बाल सेवा योजना (TBSY) के तीसरे चरण का शुभारंभ
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय की थैलेसीमिया बाल सेवा योजना (Thalassemia Bal Sewa Yojana: TBSY) के तीसरे चरण का शुभारंभ किया।
इस योजना को कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा उनके कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) पहल के रूप में समर्थन दिया जा रहा है।
थैलेसीमिया एक जेनेटिक्स रोग है जो (CIL) शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम होने की वजह से होता है।
थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है यदि उसकी स्क्रीनिंग और इलाज समय से किया जाए तो उसे समाप्त किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 2017 से TBSY को लागू किया जा रहा है और हाल ही में मार्च 2023 में इसका दूसरा चरण पूरा हुआ।
कोल इंडिया CSR द्वारा आर्थिक सहायता से हेमैटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांस्प्लांट (Hematopoietic Stem Cell Transplant : HSCT) कार्यक्रम उन गरीब थैलेसीमिया रोगियों के लिए एक अनूठी पहल है जिनके पास ट्रांसप्लांट के लिए मैचिंग सिबिलिंग डोनर होते हुए भी इस प्रक्रिया के लिए आर्थिक संसाधन नहीं होते।
इस कार्यक्रम के तहत दो चरणों में भारत के 10 इंपैनल्ड अस्पतालों में थैलेसीमिया रोगियों के लिए 356 हड्डी मज्जा प्रत्यारोपण को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
कार्यक्रम का तीसरा चरण में HSCT करने वाली संस्थाओं को CIL से सीधे 10 लाख रुपये की शुल्क दर के पैकेज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना जारी रहेगा।
यह कार्यक्रम गरीब थैलेसीमिया रोगियों और एप्लास्टिक एनीमिया के रोगियों को लाभ पहुंचाएगा, जो एक ऐसी बीमारी है, जिसका यदि उपचार न हो तो जीवन खतरे में पड़ सकता है।