कार्बन ऑफसेटिंग एंड रिडक्शन स्कीम फॉर इंटरनेशनल एविएशन (CORSIA)
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) अपने फोकस क्षेत्रों में से एक के रूप में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सुविधा प्रदान करने का दायित्व सौंपा गया है।
एविएशन क्षेत्र से कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन पर इसके प्रभावों को कम करने के लिए, ICAO ने महत्वकांक्षी लक्ष्यों अर्थात 2050 तक 2 प्रतिशत वार्षिक ईंधन दक्षता में सुधार, 2020 से कार्बन न्यूट्रल ग्रोथ और 2050 तक नेट जीरो प्राप्त करने को अपनाया है।
इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ICAO द्वारा कई उपायों की भी पहचान की गई है जिनमें कार्बन ऑफसेटिंग एंड रिडक्शन स्कीम फॉर इंटरनेशनल एविएशन (Carbon Offfsetting and Reduction Scheme for International Aviation : CORSIA) और लॉन्ग टर्म एस्पिरेशनल गोल्स (Long Term Aspirational Goals: LTAG) शामिल हैं।
कार्बन ऑफसेटिंग एंड रिडक्शन स्कीम फॉर इंटरनेशनल एविएशन (CORSIA)
CORSIA को तीन चरणों में कार्यान्वित किया गया है, जिसमें से पहले दो चरणों (2021-2026) में भागीदारी स्वैच्छिक है। भारत ने CORSIA के स्वैच्छिक चरणों में भाग नहीं लेने का निर्णय किया है।
भारतीय विमान कंपनियों के लिए CORSIA के तहत ऑफसेटिंग की आवश्यकता 2027 से आरंभ होगी। इससे भारत जैसे विकासशील देशों की एयरलाइनों को अधिक विकसित होने का समय मिल सकेगा और स्वैच्छिक चरणों में शामिल होने से CORSIA के कारण किसी भी वित्तीय दुष्परिणाम का सामना नहीं करना पड़ेगा।
CORSIA एक देश से आरंभ होकर दूसरे देश जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर लागू होता है। ऑफसेटिंग के कारण होने वाले वित्तीय निहितार्थ अलग-अलग एयरलाइनों द्वारा वहन किए जाएंगे जो, जैसे और जहां लागू हों, उनके अंतर्राष्ट्रीय ऑपरेशन्स पर निर्भर करेंगे।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के COP- 26 में 2070 तक नेट जीरो प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने उड्डयन क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018
अधिसूचित की है।
मंत्रालय ने उड्डयन में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए देश में बायो-एटीएफ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए जैव-उड्डयन टर्बाइन फ्यूल कार्यक्रम समिति का गठन किया। समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसे अब विभिन्न हितधारकों के बीच वितरित कर दिया गया है।
भारत ने सतत उड्डयन ईंधन कार्यक्रम के लिए ICAO की सहायता क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण में शामिल होने जैसे कई कदम भी उठाए हैं। भारतीय मानक ब्यूरो ने जनवरी 2019 में बायो-जेट एटीएफ (Bio-Jet ATF ) के लिए भारतीय मानक जारी किया है।