विश्व विकास रिपोर्ट 2023: प्रवासी, शरणार्थी और समाज
विश्व बैंक ने “विश्व विकास रिपोर्ट 2023: प्रवासी, शरणार्थी और समाज” (World Development Report 2023: Migrants, Refugees, and Societies) रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
प्रवासन (Migration) से ऐसे अधिकांश लोगों के वेतन में बड़ी वृद्धि देखी गयी है, जिनके कौशल और गुण प्रवास वाले देश की आवश्यकताओं के साथ मेल खाते हैं। ये लाभ अक्सर प्रवासियों के अपने मूल देश में हासिल किए जा सकने वाले लाभ से अधिक होते हैं, यहां तक कि आंतरिक प्रवासन से भी अधिक।
भारतीय वर्कर भारत के बाहर अपनी आय में 120% की वृद्धि देखते हैं, जबकि भारत के भीतर आंतरिक प्रवासन (देश के भीतर ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना) की स्थिति में व्यक्तिगत आय में केवल लगभग 40% वृद्धि देखी गयी।
संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कम कुशल भारतीय वर्कर की आय में 500 प्रतिशत की भारी वृद्धि की संभावना रहती है। संयुक्त अरब अमीरात कम कुशल वर्कर के लिए अगला पसंदीदा स्थान है, जहां वे भारत की तुलना में 300 प्रतिशत अधिक कमा सकते हैं।
विश्व बैंक ने गंतव्य, ट्रांजिट और मूल देशों में बेहतर प्रवासन प्रबंधन के लिए नीतियां प्रस्तावित कीं है।
भारत जैसे कम विकसित और विकासशील देशों के कम कुशल श्रमिकों के लिए विदेश जाना और भी अधिक फायदेमंद है।
रिपोर्ट में “मैच-मोटिव फ्रेमवर्क” (Match-Motive Framework) का उपयोग करते हुए माइग्रेशन ट्रेड-ऑफ पर चर्चा की गई है।
“मैच” पहलू श्रम अर्थशास्त्र में आधारित है और इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि प्रवासियों के कौशल और संबंधित गुण गंतव्य देशों की आवश्यकताओं से कितनी अच्छी तरह मेल खाती हैं।
“मोटिव” उन परिस्थितियों को संदर्भित करता है जिसकी वजह से एक व्यक्ति अवसर की तलाश में पलायन करता है।