तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (संशोधन) बिल 2023 लोकसभा में पेश किया गया

तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (संशोधन) बिल 2023 (Coastal Aquaculture Authority (Amendment) Bill 2023) को 5 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया गया। बिल को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने पेश किया था।

प्रमुख तथ्य

इस विधेयक से तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण अधिनियम 2005 में संशोधन किया गया है।

यह विधेयक इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के अपराधों को कम करता है और तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण के कामकाज की प्रक्रियाओं को ठीक करने का प्रयास करता है।

इस विधेयक का उद्देश्य केज कल्चर, सीवीड कल्चर, समुद्री ऑर्नामेंटल फिश कल्चरऔर पर्ल सीप पालन (pearl oyster culture) सहित पर्यावरण के अनुकूल तटीय जलीय कृषि के नए रूपों को बढ़ावा देना है, जिसमें अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है।

इस विधेयक में फिशिंग में एंटीबायोटिक्स और औषधीय रूप से सक्रिय पदार्थों के उपयोग को रोकने का भी प्रावधान है जो तटीय जलीय कृषि में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

तटीय जलकृषि प्राधिकरण (CAA)

23 जून 2005 को भारत की संसद द्वारा अधिनियमित तटीय जलकृषि प्राधिकरण अधिनियम, 2005 (2005 का 24) तटीय क्षेत्रों में तटीय जलकृषि से जुड़ी गतिविधियों और उससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों को विनियमित करने के लिए तटीय जलकृषि प्राधिकरण (Coastal Aquaculture Authority) की स्थापना का प्रावधान करता है।

यह अनिवार्य किया गया है कि तटीय जलकृषि करने वाले सभी व्यक्ति अपने फार्म को तटीय जलकृषि प्राधिकरण के पास पंजीकृत कराएं।

तटीय जलकृषि प्राधिकरण का प्रधान कार्यालय चेन्नई, तमिलनाडु में स्थित है।

यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत काम करता है।

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