इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022 (India Justice Report 2022: IJR) के अनुसार, न्याय तक पहुंच प्रदान करने में कर्नाटक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में सबसे ऊपर है और तीन अन्य दक्षिणी राज्य शीर्ष पांच में शामिल हैं।
10 मिलियन से अधिक आबादी वाले 18 बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में कर्नाटक चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात और आंध्र प्रदेश का स्थान है।
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022 के बारे में
वर्ष 2017 में, टाटा ट्रस्ट ने इस रिपोर्ट को विकसित करने के लिए क्षेत्रीय विशेषज्ञों – सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, दक्ष, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज – प्रयास और विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी – को एक मंच पर लाया था।
IJR राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को न्यायपालिका में रिक्तियों, बजटीय आवंटन, इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन, विधिक सहायता, जेलों की स्थिति, पुलिस और राज्य मानवाधिकार आयोगों के कामकाज जैसे विभिन्न मापदंडों पर रैंक करती है।
IJR ने कहा कि दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर, कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश (UT) न्यायपालिका पर, अपने कुल वार्षिक खर्च का एक प्रतिशत से अधिक खर्च नहीं करता है। यह भी कि उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की रिक्ति 30 प्रतिशत है।
IJR के अनुसार दिसंबर 2022 तक, देश में प्रत्येक 10 लाख लोगों के लिए 19 न्यायाधीश थे और 48 मिलियन मामले बैकलॉग थे।
बता दें कि विधि आयोग ने 1987 की शुरुआत में सुझाव दिया था कि एक दशक के समय में प्रत्येक 10 लाख लोगों के लिए 50 न्यायाधीश होने चाहिए।