IRDAI: अलग-अलग बीमा उत्पादों पर अलग-अलग कमीशन की ऊपरी सीमा हटाई गई

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने लाइफ, जनरल और स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं द्वारा एजेंट्स को अलग-अलग बीमा उत्पाद पर भुगतान किये जाने वाले अलग-अलग कमीशन की ऊपरी सीमा को हटा दिया है और इसके बजाय सभी बीमा उत्पाद, भुगतान प्रबंधन की खर्च (expense of management: EOM) सीमा के तहत आएंगे।

प्रमुख तथ्य

26 मार्च 2023 को अधिसूचित IRDAI (कमीशन का भुगतान) विनियम, 2023 के तहत, IRDAI ने बीमा उत्पादों पर कमीशन भुगतान पर पहले की “व्यक्तिगत कैप” की जगह “बीमाकर्ताओं के प्रबंधन के खर्च” के ओवरआल कैप ला दिया है।  

इस फैसले से लाइफ और नॉन लाइफ कंपनियों को कमीशन देने की ज्यादा आजादी होगी। कमीशन किसी बीमा एजेंट द्वारा बीमा पॉलिसी खरीदने के बदले  बीमाकर्ता कम्पनी से  प्राप्त  मुआवजा है।

लाइफ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा दी जाने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भी नए नियमों के दायरे में आएंगी

कमीशन भुगतान की सीमा को हटाने से इस क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बीमा कंपनियां बीमा बिचौलियों को कुल प्रीमियम कारोबार का 15 फीसदी कमीशन दे रही हैं। नए नियम ने इस सीमा को हटा दिया है।

कमीशन उनके प्रबंधन के समग्र व्यय (EOM) के भीतर होना चाहिए और बीमाकर्ताओं के पास अपने एजेंटों को कमीशन देने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित सीमाएं हो सकती हैं।

IRDAI ने जीवन और गैर-जीवन सहित बीमा कंपनियों से एजेंटों के लिए कमीशन पर एक समग्र सीमा तय करने के लिए कहा है, जिससे बीमाकर्ताओं को उनके खर्चों के प्रबंधन में अधिक लचीलापन मिल सके।

इस संशोधन के बाद, बीमा एजेंटों की बीमा उत्पादों को बेचने और उपभोक्ताओं को पहले से पॉलिसी विवरण समझाने में अधिक रुचि लेने की संभावना है।

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