लैवेंडर को डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित किया गया है
लैवेंडर को डोडा ब्रांड उत्पाद के रूप में नामित किया गया है जबकि किश्तवाड़ की रतले जलविद्युत परियोजना को आठ वर्षों के बाद पुनर्जीवित किया गया है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री एवं उधमपुर-कठुआ-डोडा लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह ने डोडा और किश्तवाड़ जिलों की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (District Development Coordination & Monitoring Committee: DISHA) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
- उन्होंने कहा कि डोडा भारत की बैंगनी क्रांति (अरोमा मिशन) का जन्मस्थान है और कृषि-स्टार्टअप उद्यमियों और किसानों को आकर्षित करने के लिए मोदी सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ पहल के तहत लैवेंडर को बढ़ावा दिया जा सकता है।
- इसी तरह रतले परियोजना जो पक्कल-दुल और किरू परियोजना के साथ पूरे क्षेत्र को अतिरिक्त बिजली देने वाला बना देगी।
- CSIR-IIIM का अरोमा मिशन नवोदित किसानों और कृषि विज्ञान विशेषज्ञ को आजीविका का साधन प्रदान कर रहा है और स्टार्ट-अप इंडिया अभियान को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता की भावना को आगे ले जा रहा है।
- बैंगनी क्रांति (Purple Revolution) के संबंध में मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लैवेंडर की खेती के आकर्षक पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए डोडा, जम्मू और अन्य जिलों और बाद में देश के बाकी हिस्सों में जागरूकता/लाभार्थी कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि अरोमा मिशन के तहत स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जा सके। इससे जिला डोडा जिले की छवि भी बढ़ेगी जो कि बैंगनी क्रांति का जन्मस्थान है।