डेब्ट फंड (Debt fund)-शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन

वित्त विधेयक 2023 में संशोधन के तहत इक्विटी शेयरों में 35 प्रतिशत से अधिक निवेश नहीं करने वाले डेब्ट फंडों पर आयकर स्लैब के हिसाब से कर लगाया जाएगा और इन्हें शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (short term capital gain) के रूप में माना जाएगा। इसके बाद, डेब्ट म्युचुअल फंड से होने वाले लाभ को निवेशकों की कर योग्य आय में जोड़ा जाएगा और आयकर स्लैब दर पर कर लगाया जाएगा।

बता दें कि वर्तमान में, तीन साल या उससे अधिक समय के लिए रखे गए डेब्ट फंड के रिडेम्पशन पर किसी भी पूंजीगत लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के रूप में माना जाता है और इस पर इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है।

तीन साल से पहले रिडेम्प्शन पर किसी भी पूंजीगत लाभ को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (short term capital gain) के रूप में माना जाता है और किसी व्यक्ति की आयकर स्लैब दर पर कर लगाया जाता है।

डेब्ट फण्ड यानी ऋण निधि (Debt fund) म्यूचुअल फंड स्कीम है जो फिक्स्ड इनकम स्रोतों, जैसे कि कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट डेब्ट सिक्युरिटीज और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स आदि में निवेश करती है, जो पूंजी को बढ़ाने में मदद करती हैं। डेब्ट फंड को फिक्स्ड इनकम फंड या बॉण्ड फंड भी कहा जाता है।

डेब्ट फंड में निवेश के कुछ प्रमुख लाभ हैं; कम लागत संरचना, अपेक्षाकृत स्टेबल रिटर्न, अपेक्षाकृत हाई लिक्विडिटी और उचित सुरक्षा हैं।

डेब्ट फंड उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो नियमित आय की अपेक्षा रखते हैं, लेकिन अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। डेब्ट फंड कम अस्थिर हैं और इसलिए, इक्विटी फंड की तुलना में कम जोखिम वाले हैं।

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