आर्थिक रिकवरी आकार: K, V, U, L, Nike Swoosh और W
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि कोविड महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी को ‘K-आकार’ के रूप में वर्णित करना गलत है क्योंकि ग्रामीण और शहरी, दोनों अर्थव्यवस्थाएं रिकवर कर रही हैं, हालांकि विकास की गति भले ही थोड़ा भिन्न हो।
बता दें कि K-आकार की रिकवरी तब होती है जब अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर्स और अलग-अलग क्षेत्र मंदी के बाद अलग-अलग विकास दरों से रिकवर करती हैं। अर्थात रिकवरी की दर एक समान नहीं होती है।
कई अर्थशास्त्रियों ने कोविड महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी को K-आकार के रूप में वर्णित किया है, यह तर्क देते हुए कि शहरी खपत महामारी-पूर्व की स्थिति में वापस आ गई है, वहीं ग्रामीण मांग अभी भी उतनी नहीं है।
आर्थिक रिकवरी की पांच अलग-अलग आकृतियां
बता दें अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मंदी के बाद की आर्थिक रिकवरी पांच अलग-अलग आकृतियों में हो सकती हैं। ये आकृतियां हैं; V, U, L, W और K। इनका नाम इस आधार पर रखा गया है कि ग्राफ पर रिकवरी को स्केच करने से प्रत्येक रिकवरी अंग्रेजी वर्णमाला के किस अक्षर जैसी दिखेगी।
V-आकार की रिकवरी
V-आकार की रिकवरी वह है जहां अर्थव्यवस्था एक वर्ष से भी कम समय में अपने पूर्व-मंदी स्तर प्राप्त करने के लिए तेज गिरावट के तुरंत बाद वापस पूर्व-स्थिति में वापस में आ जाती है। उचित राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों द्वारा रिकवरी को सहारा दिया जा सकता है।
U-आकार की रिकवरी
U-आकार की रिकवरी में अर्थव्यवस्था गिरावट के बाद अधिक समय तक निम्न विकास की स्थिति में बनी रहती है और फिर धीरे-धीरे अपने पिछले सर्वोच्च स्तर को प्राप्त करती है। इसका मतलब है कि मंदी लंबे समय तक चलती है, जिससे नौकरी छूट जाती है और बचत कम हो जाती है।
Nike Swoosh’ रिकवरी
प्रतिष्ठित चेक-मार्क लोगो के नाम पर “नाइकी स्वोश” रिकवरी का नाम रखा गया है। इसमें लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अर्थव्यवस्था में एक नाटकीय उछाल आता है, हालांकि इस उछाल को तुरंत विराम लगा जाता है और फिर अर्थव्यवस्था को पूर्व-महामारी स्तर में वापस आने में लंबा समय लगता है।
L-आकार की रिकवरी
L-आकार की रिकवरी सबसे खराब स्थिति को दर्शाती है। यहां, अर्थव्यवस्था कई वर्षों के बाद भी अपने सर्वोच्च सकल घरेलू उत्पाद (GDP) हासिल करने में विफल रहती है। यह सभी रिकवरी आकृतियों में सबसे लंबी मंदी की अवधि है। मंदी और धीमी रिकवरी कभी-कभी अनिश्चित काल तक बनी रहती है। इसे “डबल-डिप मंदी” (Double-dip recession) भी कहा जाता है।
K-आकार की रिकवरी
K-आकार की रिकवरी तब होती है जब अर्थव्यवस्था के अलग-अलग सेक्टर्स और अलग-अलग क्षेत्र मंदी के बाद अलग-अलग विकास दरों से रिकवर करती हैं। अर्थात रिकवरी की दर एक समान नहीं होती है।
W- आकृति की रिकवरी
W- आकृति की रिकवरी में अर्थव्यवस्था कम अवधि के लिए रिकवर करती है और फिर वापस मंदी की स्थिति में चली जाती है। यह स्थिति उपभोक्ता के विश्वास को तोड़ता है और पूर्ण रिकवरी में प्रवेश करने में 2 वर्ष तक लग सकते हैं। इस स्थिति में अर्थव्यवस्था मंदी के दो दौर देखती है।