Women, Business and the Law 2023: कामकाजी महिलाओं के जीवन चक्र पर विश्व बैंक के सूचकांक में भारत को 74.4 स्कोर प्राप्त हुआ
विश्व बैंक की महिला, व्यवसाय और कानून 2023 (Women, Business and the Law 2023) शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, कार्यस्थल पर स्वतंत्रता से संबंधित कई मापदंडों में भारत में पुरुषों के पास जितने अधिकार हैं, उसकी तुलना में महिलाओं के पास केवल 74.4% अधिकार हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- भारतीय कामकाजी महिला के वेतन और पेंशन को प्रभावित करने वाले कानून भारतीय पुरुषों के पूर्ण समानता प्रदान नहीं करते हैं।
- एक कामकाजी महिला के जीवन चक्र पर विश्व बैंक के सूचकांक में भारत का स्कोर 100 में से 74.4 है।
- इंडेक्स में 100 के स्कोर का मतलब है कि सभी आठ संकेतकों पर महिलाएं पुरुषों के साथ बराबरी पर हैं।
- भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के औसत 63.7 स्कोर की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, हालांकि इस क्षेत्र में उच्चतम 80.6 स्कोर प्राप्त करने वाले नेपाल से कम है।
- सूचकांक में शामिल विश्व की 190 अर्थव्यवस्थाओं में से केवल 14 देशों ने पूर्ण 100 स्कोर प्राप्त किया है। ये हैं; बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, लातविया, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन।
- भारत का स्कोर मुंबई में लागू कानूनों और विनियमों पर संग्रहित डेटा पर आधारित है। मुंबई, देश का मुख्य व्यावसायिक शहर है, इसलिए वहां की डेटा का उपयोग किया गया।
- जब बात आने-जाने की आजादी, काम करने के लिए महिलाओं के फैसलों को प्रभावित करने वाले कानूनों और शादी से जुड़ी बाधाओं की आती है, तो भारत ने सम्पूर्ण स्कोर प्राप्त किया है।
- हालांकि जब महिलाओं के वेतन को प्रभावित करने वाले कानून, बच्चों के जन्म लेने के बाद महिलाओं के काम को प्रभावित करने वाले कानून, व्यवसाय शुरू करने और चलाने में महिलाओं के समक्ष बाधाएं, संपत्ति और विरासत में लैंगिक अंतर और महिलाओं की पेंशन के आकार को प्रभावित करने वाले कानूनों की बात आती है तो भारत का स्कोर कम हो जाता है।
- भारत को सबसे कम स्कोर महिलाओं के वेतन को प्रभावित करने वाले कानून से जुड़े संकेतक में प्राप्त हुआ है।
- रिपोर्ट में सिफारिश की गयी है कि वेतन संकेतक में सुधार के लिए, भारत को समान प्रकृति के काम के लिए समान पारिश्रमिक अनिवार्य करने पर विचार करना चाहिए, महिलाओं को रात्रिकाल में भी पुरुषों की तरह काम करने की अनुमति देनी चाहिए, और महिलाओं को पुरुषों की तरह ही औद्योगिक क्षेत्र में काम करने की अनुमति देनी चाहिए।