FSSAI ने मिलेट्स के लिए 8 गुणवत्ता मानकों को अधिसूचित किया
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 15 प्रकार के मिलेट्स के लिए व्यापक समूह मानकों को तैयार किया है, और इनके लिए आठ गुणवत्ता मानक निर्धारित किये गए हैं।
- इन मानकों में शामिल हैं; नमी की मात्रा, यूरिक एसिड की मात्रा और अन्य खाद्य अनाज की अधिकतम सीमा। FSSAI ने भारत के राजपत्र में अधिसूचित खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) द्वितीय संशोधन विनियम, 2023 के माध्यम से मिलेटस के लिए एक व्यापक समूह मानक निर्दिष्ट किया है।
- इन नए मानकों को 1 सितंबर, 2023 से लागू किया जाएगा, जिससे मिलेट्स उत्पादकों और प्रोसेसर को नए नियमों के लिए तैयार होने और अपनी उत्पादन प्रक्रियाओं में आवश्यक बदलाव करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।
- FSSAI ने कहा है कि ये मानक घरेलू और वैश्विक, दोनों बाजारों में अच्छी गुणवत्ता वाली मिलेट्स सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित किए गए हैं।
- मिलेट्स भारत के कई हिस्सों में एक पारंपरिक प्रधान खाद्यान्न रहा है, लेकिन वर्तमान में खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 के तहत केवल कुछ मिलेट्स जैसे कि सोरघम (ज्वार), साबुत और कटे हुए मिलेट्सके दाने (बाजरा), रागी (रागी), और चौलाई के लिए अलग-अलग मानक निर्धारित हैं।
- अब नए समूह मानक 15 प्रकार के मिलेट्स पर लागू होते हैं। ये 15 प्रकार के मिलेट्स हैं; अमरंथस (चौलाई या राजगीरा), बार्नयार्ड मिलेट (समा के चावल या सनवा या झंगोरा), ब्राउन टॉप (कोरले), बकव्हीट (कुट्टू), क्रैब फिंगर (सिकिया), फिंगर मिलेट (रागी या मंडुआ), फोनियो (अचा), फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी या काकुन), जॉबस टियर्स) (एडले), कोदो मिलेट (कोदो), लिटिल मिलेट (कुटकी), पर्ल मिलेट (बाजरा), प्रोसो मिलेट (चीना), सोरघम (ज्वार), टेफ (लवग्रास)।