केंद्र ने औरंगाबाद का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ और उस्मानाबाद का नाम ‘धाराशिव’ करने की मंजूरी दी
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ (Aurangabad as Chhatrapati Sambhajinagar) कर दिया है। वहीं, उस्मानाबाद का नाम धाराशिव (Osmanabad as Dharashiv) करने की मंजूरी भी दे दी है।
औरंगाबाद का नाम मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के नाम पर रखा गया था, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।
छत्रपति संभाजी
छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र छत्रपति संभाजी, अपने पिता द्वारा स्थापित मराठा राज्य के दूसरे शासक थे। संभाजी महाराज को 1689 में औरंगजेब के आदेश पर मृत्युदंड दिया गया था।
धाराशिव गुफाएं
धाराशिव गुफाएं (Dharashiv caves) शहर से 8 किमी दूर बालाघाट पर्वत में स्थित हैं। यहां कुल 7 गुफाएँ हैं और कुछ विद्वानों के अनुसार ये 8 वीं शताब्दी के हैं।
पहली गुफा छोटी खुली जगह के साथ बिना किसी मूर्ति के है। दूसरी गुफा में मूर्ति के दाहिनी ओर कलात्मक मूर्ति है। यह गंधर्व युग का है। चौथी गुफा बिना किसी मूर्ति के खुले स्थान के साथ है। छठी गुफा में मूर्ति क्षतिग्रस्त है जबकि सातवीं गुफा में कोई मूर्ति नहीं है।
लगभग आठ मील की दूरी पर पहाड़ी में खोदी गई गुफाओं से पता चलता है कि यह एक प्राचीन स्थान है।
ये गुफाएँ मूल रूप से बौद्ध थीं, लेकिन बाद में इन्हें जैन धर्म के स्मारकों में बदल दिया गया और पास में ही नई गुफाएँ भी बनायीं गईं।