MRSAM Missile: भारतीय सेना ने मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल रेजिमेंट का गठन किया
भारतीय सेना ने पहली ‘मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) रेजिमेंट’ गठन किया है और इसे पूर्वी कमान में तैनात किया गया है।
उत्तरी सीमाओं को हवाई खतरों से बचाने के लिए रेजिमेंट को MRSAM (Medium Range Surface to Air Missile) प्रदान किया गया है। स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइलें लड़ाकू विमान, यूएवी, हेलीकॉप्टर, गाइडेड और अनगाइडेड म्यूनिशन, सब-सोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, और अधिक खतरों जैसे कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं।
MRSAM क्या है?
मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल, जिसे ‘Abhra’ के नाम से भी जाना जाता है, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इज़राइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा विकसित एक वायु रक्षा प्रणाली है।
इसके विकास में निजी उद्योग के संगठनोंऔर एमएसएमई की सक्रिय भागीदारी भी शामिल है। MRSAM सिस्टम की पहली डिलीवरी योग्य फायरिंग यूनिट को 9 सितंबर, 2021 को भारतीय वायु सेना को सौंप दिया गया था।
DRDO ने दिसंबर 2020 में ओडिशा के तट पर चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से MRSAM सिस्टम के आर्मी वर्जन का पहला लॉन्च किया था।
MRSAM गंभीर परिदृश्यों में 70 किमी की सीमा में कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।
स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और नियंत्रण प्रणाली द्वारा संचालित इस मिसाइल प्रणाली में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (MLS), एडवांस्ड लंबी दूरी का रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (MPS), रडार पावर सिस्टम (RPS), वाहन (आरवी) और फील्ड सर्विस वाहन (एफएसवी) रीलोडर शामिल हैं। ।
MRSAM प्रणाली का विकास भारत और इज़राइल के बीच घनिष्ठ साझेदारी को भी दर्शाता है। इस साझेदारी ने दोनों देशों के रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।