Marburg virus: WHO ने इक्वेटोरियल गिनी में मारबर्ग रोग के प्रथम प्रकोप की पुष्टि की है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इक्वेटोरियल गिनी में मारबर्ग रोग (Marburg virus disease: MVD) के पहले प्रकोप की पुष्टि करते हुए कहा कि देश में कम से कम नौ मौतों के लिए इबोला से संबंधित मारबर्ग वायरस जिम्मेदार है।
- इक्वेटोरियल गिनी से नमूने सेनेगल की एक लैब में भेजे जाने के बाद WHO ने मारबर्ग महामारी की पुष्टि की।
मारबर्ग वायरस रोग (MVD) के बारे में
- मारबर्ग वायरस रोग (MVD) एक गंभीर बीमारी है जो मनुष्यों में वायरल रक्तस्रावी बुखार का कारण बनती है (इसे पहले मारबर्ग रक्तस्रावी बुखार/Marburg haemorrhagic fever के रूप में जाना जाता था)।
- इस वायरस की पहचान पहली बार 1967 में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट और मारबर्ग (जहां से इसका नाम पड़ा) तथा सर्बिया के बेलग्रेड में हुई थी। इस वायरस के प्रथम संक्रमित लोग शोध करते समय युगांडा से आयातित अफ्रीकी हरे बंदरों या उनके ऊतकों के संपर्क में आए थे।
- वायरस को पनपने में दो से 21 दिन लगते हैं।
- इस बीमारी की औसत मृत्यु दर 50% है, हालाँकि 88% मृत्यु दर की भी रिपोर्ट की गयी है।
- वायरस से संक्रमित व्यक्ति तेज बुखार, तेज सिरदर्द और बेचैनी जैसे लक्षणों के साथ अचानक बीमारी का अनुभव करता है।
इबोला के समान
- मारबर्ग और इबोला, दोनों वायरस फिलोविरिडे परिवार (Filoviridae family) से संबंधित हैं और दोनों के वर्तमान में समान क्लीनिकल समानताएं देखी गयी हैं।
- इबोला की तरह, मारबर्ग वायरस चमगादड़ों से प्राइमेट्स में फैलता है। इस तरह चमगादड़ों को वायरस का प्राकृतिक मेजबान (natural hosts) माना जाता है।
मानव में संक्रमण
- यह संक्रमित चमगादड़ों के शारीरिक द्रव्यों, या चादरें और कपड़ों जैसे तरल पदार्थों से दूषित सतहों के सीधे संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता है।
- मृतक के शरीर के साथ सीधा संपर्क होने पर यह रोग दफनाने के दौरान भी फैल सकता है।
कोई अधिकृत टीका नहीं
- अब तक, मारबर्ग वायरस रोग के इलाज के लिए कोई अधिकृत टीके या दवाएं नहीं हैं।
- WHO, हालांकि, कहता है कि मौखिक या अंतःशिरा तरल पदार्थों के साथ पुनर्जलीकरण (rehydration) और विशिष्ट लक्षणों के उपचार से जीवित रहने की संभावना में सुधार हो सकता है।