पेरिस क्लब, श्रीलंका के ऋण पर IMF को वित्तीय आश्वासन देने पर विचार कर रहा है

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पेरिस क्लब (Paris Club) श्रीलंका के कर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को वित्तीय आश्वासन प्रदान करेगा। पेरिस क्लब के साथ-साथ अन्य द्विपक्षीय कर्जदारों से वित्तीय आश्वासन, उन शर्तों में से एक है जिसे श्रीलंका को IMF के लिए पूरा करना होगा ताकि इस द्वीपीय राष्ट्र को $2.9 बिलियन बेलआउट पैकेज दिया जा सके।

  • बता दें कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पिछले साल चरमरा गयी थी जो कि पिछले साल एक गंभीर आर्थिक संकट के कारण ध्वस्त हो गया थी।
  • 16 जनवरी को, भारत IMF को लिखित वित्तपोषण आश्वासन भेजने वाला श्रीलंका का पहला आधिकारिक कर्जदाता बन गया था। चीन, जापान और भारत श्रीलंका के तीन सबसे बड़े द्विपक्षीय कर्जदाता हैं
  • चीन और जापान के इसी तरह के लिखित आश्वासन के बाद IMF के $2.9 बिलियन के अनंतिम पैकेज को उसके बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। जापान, पेरिस क्लब का सदस्य है।
  • श्रीलंका के कुल द्विपक्षीय कर्ज का 52 प्रतिशत चीन का, जापान का 19.5 प्रतिशत और भारत का 12 प्रतिशत है। जापान के पेरिस क्लब के सदस्य होने के कारण, श्रीलंका को चीन और भारत से भी आश्वासन की आवश्यकता थी।

पेरिस क्लब (Paris Club) के बारे में

  • पेरिस क्लब ज्यादातर पश्चिमी कर्जदाता देशों का एक समूह है जो 1956 के सम्मेलन से उत्पन्न हुआ है। उस सम्मेलन में अर्जेंटीना पेरिस में अपने सार्वजनिक कर्जदारों से मिलने के लिए सहमत हुआ था ताकि कर्ज की पुनर्संरचना की जा सके।
  • पेरिस क्लब ज्यादातर का उद्देश्य उन देशों के लिए स्थायी ऋण-राहत समाधान खोजना है जो अपने द्विपक्षीय ऋण चुकाने में असमर्थ हैं।
  • पेरिस क्लब खुद को एक ऐसे मंच के रूप में वर्णित करता है जहां कर्जदार देशों द्वारा सामना की जाने वाली कर्ज भुगतान कठिनाइयों को हल करने के लिए आधिकारिक कर्जदाता मिलते हैं।
  • पेरिस क्लब के कर्जदाता, कर्जदार देशों को के ऋण पुनर्निर्धारण के रूप में ऋण भुगतान समाधान प्रदान करते हैं, जिसमें स्थगन द्वारा ऋण राहत या, रियायती पुनर्निर्धारण शामिल हैं ।
  • आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) नामक समूह के सभी 22 सदस्य इसके सदस्य हैं। इसके 22 स्थायी सदस्य हैं: ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इज़राइल, जापान, नीदरलैंड, नॉर्वे, रूस, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
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