National Anti-Leprosy Day: वर्ष 2027 तक कुष्ठ रोग मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 30 जनवरी को में राष्ट्रीय कुष्ठ रोधी दिवस (National Anti-Leprosy Day) आयोजित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कुष्ठ रोग के नए मामलों में साल दर साल कमी आ रही है। संपूर्ण सरकार, पूरे समाज के समर्थन, समन्वय और सहयोग से तीन साल पहले यानी 2027 तक कुष्ठ रोग मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”
इस वर्ष राष्ट्रीय कुष्ठ रोधी दिवस की थीम थी; ‘आइए हम कुष्ठ रोग से लड़ें और कुष्ठ रोग को इतिहास बना दें’ (Let us fight Leprosy and make Leprosy a history)।”
विश्व कुष्ठ दिवस (World Leprosy Day) हर साल जनवरी के आखिरी रविवार को आयोजित किया जाता है। भारत में, यह हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित किया जाता है।
कुष्ठ रोग (हैनसेन रोग) के बारे में
कुष्ठ रोग एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) है जिसके मामले अभी भी 120 से अधिक देशों में प्राप्त होते हैं। विश्व में हर साल 200 000 से अधिक नए मामले सामने आते हैं।
कुष्ठ रोग क्रोनिक संक्रामक रोग है जो जीवाणु माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है।
यह रोग मुख्य रूप से त्वचा और परिधीय नसों को प्रभावित करता है। उपचार नहीं होने पर, रोग स्थायी विकलांगता का कारण बन सकता है।
बिन इलाज वाले लोगों के निकट और लगातार संपर्क के दौरान इसके जीवाणु नाक और मुंह से बूंदों के माध्यम से प्रसारित होता है।
मल्टीड्रग थेरेपी (MDT) से कुष्ठ रोग ठीक हो सकता है। वर्तमान में अनुशंसित उपचार खुराक में तीन दवाएं शामिल हैं: डैप्सोन, रिफैम्पिसिन और क्लोफ़ाज़िमिन।
भारत में कुष्ठ रोग
भारत का कुष्ठ कार्यक्रम यथाशीघ्र रोगियों का पता लगाने व उनका उपचार करने, दिव्यांगता व विकृति के विकास को रोकने के लिए नि:शुल्क उपचार, मौजूदा विकृति वाले लोगों का चिकित्सा पुनर्वास का प्रयास करता है।
रोगियों को उनकी रिकन्सट्रक्टिव सर्जरी के लिए कल्याण भत्ता 8,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया गया है।
कुष्ठ रोग की प्रसार दर 2014-15 में प्रति 10,000 जनसंख्या पर 0.69 से घटकर 2021-22 में 0.45 हो गई है। इसके अलावा प्रति 100,000 जनसंख्या पर वार्षिक नए मामलों की संख्या 2014-15 में 9.73 से घटकर 2021-22 में 5.52 हो गई है।
निकुष्ठ 2.0 पोर्टल के लॉन्च के साथ-साथ कुष्ठ रोग के लिए राष्ट्रीय सामरिक योजना व रोडमैप (2023-27) और कुष्ठ रोग में सूक्ष्मजीव-रोधी प्रतिरोध (AMR) निगरानी के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए गए। यह रणनीति और रोडमैप कुष्ठ रोग के खिलाफ अभियान को आगे बढ़ाने, इसके प्रसार को रोकने, रोगियों का पता लगाने के प्रयासों में तेजी लाने और एक मजबूत निगरानी बुनियादी ढांचे को बनाए रखने में सहायता करेगा।
बता दें कि भारत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में कुष्ठ रोग के उन्मूलन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2002 द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया था। इसके तहत दिसंबर 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1 से कम मामले के रूप में परिभाषित किया गया था।